पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही सरकार की मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अब सिर्फ तस्करों पर कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि नशा छोड़ चुके युवाओं के जीवन को दोबारा पटरी पर लाने का बड़ा अभियान बन चुकी है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने साफ कर दिया है कि नशे को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जो युवा नशे से बाहर आने की हिम्मत दिखाते हैं, उन्हें सम्मान और रोजगार दोनों मिलेंगे।
नौ महीनों में ऐतिहासिक कार्रवाई, बड़े आंकड़े सामने आए
1 मार्च 2025 से शुरू हुई इस निर्णायक लड़ाई ने 9 महीने पूरे कर लिए हैं और इसका असर साफ दिख रहा है। पंजाब पुलिस ने अब तक—
- 26,256 केस दर्ज किए
- 38,687 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया
- 1714 किलोग्राम से ज़्यादा हेरोइन सहित बड़ी मात्रा में नशीला सामान ज़ब्त किया
ये आंकड़े बताते हैं कि पंजाब सरकार का फोकस सिर्फ बातों पर नहीं, ग्राउंड लेवल पर एक्शन पर है। नशे का कारोबार करने वालों के लिए अब पंजाब में कोई जगह नहीं बची है।
सिर्फ कार्रवाई नहीं—अब रोजगार का रास्ता भी
सरकार की खास पहल का मकसद यह है कि नशा छोड़ने वाले युवा दुबारा नशे में न फँसे, बल्कि अपने पैरों पर खड़े हों। इसी सोच के साथ लुधियाना के जगरांव स्थित सरकारी पुनर्वास केंद्र में 10 दिन का फ्री स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया गया है।
इस कार्यक्रम को जिला प्रशासन ने डेयरी विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर शुरू किया है।
युवाओं को दी जाएगी Dairy Farming की ट्रेनिंग
ट्रेनिंग के पहले दिन डेयरी विकास विभाग के उप निदेशक सुरिंदर सिंह ने युवाओं को Dairy Farming, पशुपालन और इससे जुड़े कामों की Practical Training दी।
इस पूरी पहल की निगरानी कर रहे अधिकारी:
- उपायुक्त (DC) हिमांशु जैन
- सिविल सर्जन डॉ. रमनदीप कौर
- लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (LDM) गुरदेव सिंह कंग
- केंद्र प्रभारी डॉ. विवेक गोयल
DC हिमांशु जैन का बड़ा बयान
उपायुक्त हिमांशु जैन ने कहा—
“हमारा मकसद सिर्फ नशा छुड़वाना नहीं, बल्कि युवाओं को ऐसा हुनर देना है जिससे वे कमाई कर सकें और कभी भी मजबूरी में नशे की तरफ वापस न लौटें। असली सुधार तभी होगा जब व्यक्ति आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने।”
उनके मुताबिक यह पहल पूर्ण सुधार (Holistic Rehabilitation) की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ट्रेनिंग के बाद मिलेगी सरकारी मदद
ट्रेनिंग खत्म होने के बाद—
- जो युवा काबिल होंगे, उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत बैंक लोन
- छोटी डेयरी यूनिट लगाने के लिए आर्थिक सहायता
दी जाएगी, ताकि वो अपना खुद का काम शुरू कर सकें और अपने परिवार को भी संभाल सकें।

युवाओं को मिलेगा आत्मविश्वास, समाज में नई पहचान
यह कार्यक्रम सिर्फ हुनर सिखाने तक सीमित नहीं है।
यह युवाओं को—
- आत्मविश्वास
- सम्मान
- एक नई पहचान
- और कमाई का स्थायी रास्ता
देता है, जिससे वे दोबारा नशे की तरफ न जाएँ और समाज की मुख्यधारा में वापसी कर सकें।
पंजाब की नई सोच: सख़्त कार्रवाई + इंसानियत भरा सुधार
मुख्यमंत्री भगवंत मान जी की अगुवाई में सरकार ने यह साबित कर दिया है कि नशे के खिलाफ लड़ाई सिर्फ पुलिस की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम का मिलाजुला प्रयास है।
एक तरफ तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा है, दूसरी तरफ नशा छोड़ चुके युवाओं को Skill, Job और Respect देकर उनके जीवन को नई दिशा दी जा रही है।
यही वजह है कि पंजाब की अगली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित होता दिखाई दे रहा है।
नशा बेचने वालों पर सख़्त कार्रवाई और नशा छोड़ने वालों को रोजगार—
ये दोहरी रणनीति पंजाब को फिर से रंगला और खुशहाल पंजाब बनाने की मजबूत शुरुआत है।
यह अभियान सिर्फ नशा खत्म करने का प्रयास नहीं, बल्कि युवाओं को नई जिंदगी देने की सरकार की बड़ी और संवेदनशील पहल है।
