पंजाब की भगवंत मान सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें सुरक्षित व सस्ता (यानी मुफ्त) सफर देने के लिए शुरू की गई फ्री बस सेवा को और मजबूत कर दिया है। यह योजना अब सिर्फ आम महिलाओं तक ही सीमित नहीं, बल्कि सरकारी स्कूलों की 7,698 छात्राओं के लिए भी बड़ा सहारा बन गई है। सरकार ने इन लड़कियों के लिए स्पेशल बस सुविधा शुरू की है, जिससे उनके स्कूल आने-जाने में न सुरक्षा का डर रहता है, न ही परिवारों पर खर्च का बोझ।
फ्री बस सेवा – हर महिला के लिए बड़ा राहत कदम
पंजाब रोडवेज और PRTC की सभी सरकारी बसों में प्रदेश की हर महिला मुफ्त सफर कर सकती है।
इसमें शामिल हैं:
- छात्राएं
- कामकाजी महिलाएं
- गृहिणियां
- बुजुर्ग महिलाएं
- गांव और शहर की महिलाएं
इस योजना की वजह से रोज लाखों महिलाएं बिना कोई टिकट दिए सफर कर रही हैं। इससे महिलाओं की आवाजाही (mobility) बढ़ी है और कई महिलाओं की जिंदगी में बड़ी आर्थिक राहत आई है।
लुधियाना की कामकाजी महिला सिमरनजीत कौर बताती हैं—
“पहले रोज ऑफिस जाने में 100–150 रुपये लग जाते थे। अब मुफ्त बस से जाती हूं और महीने में 3,000–4,000 रुपये बच जाते हैं। ये पैसे मैं अपने बच्चों की पढ़ाई में लगाती हूं।”

स्कूली छात्राओं के लिए नई स्पेशल बस सेवा
यह फ्री बस योजना का एक छोटा लेकिन बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अब राज्य के 200 सरकारी स्कूलों में छात्राओं को सुरक्षित और सुविधाजनक सफर देने के लिए स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं।
इससे कुल 10,448 विद्यार्थी लाभ ले रहे हैं:
- 7,698 लड़कियां
- 2,740 लड़के
दूरी के अनुसार लाभ
- 4,304 लड़कियां रोज़ 10–20 किमी यात्रा करती हैं
- 1,002 लड़कियां 20 किमी से भी ज़्यादा आना-जाना करती हैं
पहले इतनी दूरी तय करना कई परिवारों के लिए महंगा भी था और असुरक्षित भी। कई लड़कियों की पढ़ाई बीच में रुक जाती थी। अब यह समस्या खत्म हो गई है।
बस का खर्च कैसे चलता है?
सरकार ने पूरी लागत का बड़ा हिस्सा उठाया है।
- कुल खर्च: ₹1,200 प्रति छात्र
- सरकार देती है: 80% (₹960)
- माता-पिता देते हैं: 20% (₹240)
यह प्राइवेट स्कूल बस के मुकाबले बहुत कम है। बसों की व्यवस्था स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (SMC) द्वारा की जाती है, जिससे पारदर्शिता और स्थानीय निगरानी दोनों बनी रहती हैं।
किस स्कूल में सबसे ज्यादा लड़कियां लाभ ले रही हैं?
- SGRM गर्ल्स स्कूल, जीरा (फिरोजपुर) – 712 लड़कियां
- माल रोड गवर्नमेंट स्कूल, बठिंडा – 645
- नेहरू गार्डन गर्ल्स स्कूल, जालंधर – 466
- कोटकपूरा – 399
- आनंदपुर साहिब गर्ल्स स्कूल – 300
- गोविंदगढ़, फतेहगढ़ साहिब – 200
इन इलाकों में स्कूल छोड़ने की दर (dropout rate) अब काफी कम हो गई है।
School of Eminence Program से भी जुड़ा है यह कदम
यह बस सुविधा ‘School of Eminence’ प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसमें सरकारी स्कूलों को मॉडर्न सुविधाएं दी जा रही हैं।
इन स्कूलों में मिलते हैं:
- स्मार्ट क्लासरूम
- आधुनिक साइंस लैब
- बड़ा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर
- NIFT द्वारा डिजाइन की गई मुफ्त यूनिफॉर्म
- करियर गाइडेंस

इन स्कूलों की उपलब्धियाँ
- नामांकन 82,000 से बढ़कर 2 लाख+ हो गया
- 158 छात्रों ने JEE पास किया
एक अभिभावक का कहना है:
“पहले हमें लगता था बेटी को दूर भेजना मुश्किल है। अब बस सुविधा से हम बेफिक्र हैं और बेटी अपने सपने पूरे कर सकती है।”
सरकार का कहना — यह योजना सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव है
मुख्यमंत्री भगवंत मान के अनुसार—
- सरकार की प्राथमिकता है कि हर महिला सुरक्षित और बेफिक्र होकर यात्रा कर सके।
- स्कूली लड़कियों की बस सेवा पूरी योजना नहीं, बल्कि बड़ी महिला फ्री बस योजना का एक हिस्सा है।
- इसका लक्ष्य महिलाओं की आर्थिक आज़ादी और समाज में बराबरी को बढ़ावा देना है।
शिक्षाविद और महिला अधिकार संगठनों ने भी इस कदम का स्वागत किया है।
उनका कहना है कि यह सिर्फ परिवहन सुविधा नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक क्रांति है।
निष्कर्ष: महिलाओं और लड़कियों के लिए बड़ा बदलाव
पंजाब की फ्री बस योजना ने लाखों महिलाओं की जिंदगी में असली बदलाव लाया है।
- महिलाएं रोज बिना पैसे खर्च किए सफर कर पा रही हैं
- स्कूल की लड़कियों की पढ़ाई अब रुक नहीं रही
- परिवारों पर खर्च का बोझ कम हो रहा है
- महिलाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता बढ़ी है
यह योजना आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगी और पंजाब को महिला सशक्तिकरण का अग्रणी राज्य बनने में मदद करेगी।
