Faridabad: SHO पर Bribery, Extortion और Misuse of Power के आरोप; 10 गांवों के सरपंचों ने Police Commissioner से की मुलाकात, बोले– FIR लिखवाने तक के Rates Fixed

फरीदाबाद जिले के धौज क्षेत्र में तैनात थाना प्रभारी (SHO) नरेश कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप किसी एक व्यक्ति ने नहीं, बल्कि धौज क्षेत्र के 10 गांवों के सरपंचों ने मिलकर लगाए हैं। सरपंचों ने करीब दो महीने पहले पुलिस कमिश्नर को एक लिखित शिकायत भी दी थी, जिसमें SHO की कथित गलत हरकतों, अवैध वसूली और लोगों को डराने-धमकाने की पूरी कहानी लिखी गई थी। शिकायत देने के बाद भी पुलिस की ओर से अभी तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

FIR दर्ज कराने के लिए रेट फिक्स?

सर्पंचों का आरोप है कि SHO ने थाने में FIR लिखवाने तक के रेट फिक्स कर दिए थे।

  • किसी के खिलाफ FIR दर्ज करवानी हो, तो 1 लाख रुपए तक देने पड़ते थे।
  • केस की गंभीरता के हिसाब से ये रेट बढ़ते-घटते थे।
  • कई मामलों में SHO अपने दलालों के जरिए पीड़ित और आरोपी दोनों से पैसे वसूलता था, यानी जिसकी भी मजबूरी हो, वह पैसा भरकर थाने का काम करवा ले।

शिकायत में यह भी लिखा है कि कई बार SHO दोनों पक्षों से खाली कागज पर साइन करवा लेता था और बाद में अपनी मर्जी से जबरन समझौता कराता था।

थानेदार भी मैं, मजिस्ट्रेट भी मैं…”

सर्पंचों ने बताया कि SHO नरेश कुमार अक्सर खुद को पूरी तरह शक्तिशाली बताकर लोगों को डराता था। वह कई बार कहता था—
यहां थानेदार भी मैं हूं और मजिस्ट्रेट भी। जो मैं चाहूंगा, वही होगा।

इस तरह वह न सिर्फ आम लोगों बल्कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों तक को डरा-धमकाकर मनमानी फैसले करता था।

थाने में रात को पुलिसकर्मी नशे में मिलते थे

शिकायत में कई और गंभीर बातें लिखी गई हैं—

  • रात में थाने में मौजूद कई पुलिसकर्मी नशे की हालत में होते थे।
  • शिकायत लेकर आने वाले लोगों से बदसलूकी की जाती थी।
  • कई बार उन्हें गाली-गलौज तक की जाती थी।
  • और अगर कोई पैसे न दे पाए, तो उसकी शिकायत तक सुनने से इनकार कर दिया जाता था।

इस वजह से लोग थाने जाने से डरने लगे थे और कई ग्रामीण अपनी शिकायत दर्ज ही नहीं करवाते थे।

 

 

अवैध कारोबारियों से हर महीने वसूली

सर्पंचों के अनुसार SHO इलाके के नशा तस्करों, सट्टेबाजों और अन्य अवैध कारोबार करने वालों से हर महीने मोटी रकम वसूलता था। आरोप है कि गलत काम करने वालों को वह प्रोटेक्शन देता था और इसी वजह से उसकी अवैध कमाई तेजी से बढ़ती गई।

दावा किया गया है कि सात महीने की तैनाती में SHO नरेश कुमार ने करोड़ों रुपए की अवैध कमाई कर ली। कुछ सरपंचों ने यह भी कहा कि SHO ने अलग-अलग लोगों से 50–60 लाख रुपए तक की रिश्वत वसूली है।

इलाके की सुरक्षा पर ध्यान नहींविस्फोटक मिलने पर भी भनक नहीं लगी

सर्पंचों ने SHO पर सुरक्षा को लेकर भी लापरवाही के आरोप लगाए हैं। हाल ही में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी डॉक्टर मुजम्मिल शकील के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। हैरानी की बात यह है कि यह सामग्री थाने से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर रखी हुई थी, लेकिन SHO को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। ग्रामीणों का कहना है कि यह उनकी गंभीर लापरवाही दर्शाता है।

संपत्ति और बैंक खातों की जांच की मांग

सर्पंचों ने पुलिस कमिश्नर से SHO की—

  • चल-अचल संपत्ति
  • बैंक खाते
  • और कथित अवैध कमाई

की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर इस पूरे मामले की SIT से जांच कराई जाए, तो SHO के कई और “काले कारनामे” सामने आ जाएंगे।

पुलिस का जवाबएसीपी को जांच सौंपी

इस पूरे मामले पर DCP अभिषेक जोरवाल का कहना है कि—

  • सरपंचों की शिकायत पुलिस कमिश्नर कार्यालय को मिल चुकी है।
  • मामले की जांच ACP मुजेसर को सौंपी गई है।
  • सरपंचों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे।
  • जल्द ही साक्ष्यों के आधार पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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