पंजाब सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला को 30 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। यह घोषणा उन्होंने ज़रीआ फाउंडेशन की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर यूनिवर्सिटी कैंपस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की।
CM मान ने कहा कि सरकार यह पैसा इसलिए दे रही है ताकि छात्रों की पढ़ाई में किसी तरह की रुकावट न आए और यूनिवर्सिटी अपनी सभी academic activities आसानी से चला सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा में किया गया निवेश ही असली निवेश है, और पंजाब सरकार किसी भी हालत में छात्रों का भविष्य अंधेरे में नहीं जाने देगी।
वित्तीय संकट में बड़ी राहत
पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला पिछले कुछ समय से आर्थिक समस्याओं का सामना कर रही थी।
इस वजह से—
- कई शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही थीं,
- वेतन और प्रशासनिक खर्च समय पर पूरे नहीं हो पा रहे थे,
- लाइब्रेरी, लैब और डिजिटल resources के विकास में मुश्किलें आ रही थीं।
सरकार द्वारा दिए गए 30 करोड़ रुपये इन सभी समस्याओं को दूर करने में बड़ी मदद करेंगे। इस राशि का इस्तेमाल—
- शिक्षकों व कर्मचारियों के बकाया वेतन चुकाने,
- यूनिवर्सिटी के बुनियादी ढांचे (infrastructure) को मजबूत करने,
- लाइब्रेरी और लैब को बेहतर बनाने,
- डिजिटल सुविधाओं में सुधार करने—
के लिए किया जाएगा।
सरकार ने यूनिवर्सिटी को यह राशि एकमुश्त grant के रूप में जारी की है। साथ ही निर्देश दिया है कि यूनिवर्सिटी हर तीन महीने में इस पैसे का उपयोग कैसे हुआ, उसकी रिपोर्ट सरकार को भेजेगी। इससे पूरा काम पारदर्शिता (transparency) के साथ होगा।

CM मान का छात्रों को संदेश
कार्यक्रम में छात्रों से बातचीत करते हुए भगवंत मान ने कहा कि—
- शिक्षा राज्य सरकार की टॉप प्रायोरिटी है।
- पंजाबी यूनिवर्सिटी सिर्फ एक कॉलेज नहीं, बल्कि पंजाबी भाषा, साहित्य और संस्कृति का केंद्र है।
- सरकार चाहती है कि पंजाब का हर बच्चा अच्छी और high-quality शिक्षा पाए।
उन्होंने छात्रों से कहा कि वे सिर्फ पढ़ाई पर फोकस करें और पंजाब का नाम देश-विदेश में रोशन करें।
विद्यार्थियों और शिक्षकों की खुशी
सरकार के इस फैसले का छात्रों ने जोरदार स्वागत किया।
- पंजाबी साहित्य की छात्रा सिमरनजीत कौर ने कहा कि यह फैसला साबित करता है कि सरकार वास्तव में छात्रों की चिंता समझती है।
- कंप्यूटर साइंस के छात्र अमरजीत सिंह ने कहा कि अब वे बिना किसी टेंशन के पढ़ाई और करियर पर ध्यान दे पाएंगे।
- शिक्षकों ने भी इसे यूनिवर्सिटी के लिए “बहुत जरूरी और समय पर लिया गया फैसला” बताया।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों ने इसे एक दूरदर्शी और सकारात्मक कदम बताया है। उनका कहना है कि पंजाब में निजी कॉलेजों का दबदबा बढ़ रहा है, इसलिए सरकारी यूनिवर्सिटियों को मजबूत करना जरूरी है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र भी अच्छी शिक्षा ले सकें।
शिक्षाविद Dr. बलविंदर सिंह ने कहा कि पंजाबी यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें समय-समय पर आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।
ज़रीआ फाउंडेशन का योगदान
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक और समाजसेवी मौजूद थे।
ज़रीआ फाउंडेशन पिछले 10 वर्षों से—
- महिला सशक्तिकरण,
- युवाओं का स्किल डेवलपमेंट,
- सामाजिक कल्याण कार्यक्रम
जैसे कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
CM मान ने फाउंडेशन के काम की तारीफ करते हुए कहा कि समाज को बेहतर बनाने के लिए सरकार और NGO मिलकर काम करें तो बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
पंजाब सरकार का यह फैसला पंजाबी यूनिवर्सिटी ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी राहत है। इससे यह साफ संदेश गया है कि सरकार छात्रों के भविष्य से कोई समझौता नहीं करेगी।
30 करोड़ रुपये की यह सहायता हजारों छात्रों के सपनों को एक बार फिर नई उड़ान देगी।
